शर्मनाक : शहीद पिंटू सिंह का पार्थिव शरीर आया पटना,नहीं दिखे बीजेपी एवं जदयू के मंत्री,संकल्प रैली में रहे मशगुल : कुंदन सिंह 'कनिष्क'
कुंदन सिंह कनिष्क के कलम से.....🖋️
पटना :- सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर पिंटू सिंह शुक्रवार की शाम आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। वो मूल रूप से बेगूसराय स्थित बखरी के बगरस ध्यान चक्की गांव के रहने वाले थे। सबको पता था बिहार के लाल शहीद पिंटू सिंह का पार्थिव शरीर आज पटना आने वाला है। पटना एयरपोर्ट पर पिंटू सिंह का पार्थिव शरीर सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर लाया गया। जब आम लोगों को खबर थी तो जाहिर सी बात है भाजपा से लेकर सभी पार्टियों को इस बात की खबर तो जरूर होगी। फिर भी पटना एयरपोर्ट पर एनडीए के मंत्री क्या एक छोटे कार्यकर्ता तक नही दिखें। मुख्यमंत्री नितीश जी आपने जो बड़ी फूलों की माला पहनाकर मोदी जी के साथ केंद्रीय मंत्री जी का स्वागत किया उन्हीं मालाओं में से केवल दो फूल शहीद पिंटू सिंह के पार्थिव शरीर पर चढ़ा कर कम से कम श्रंद्धांजलि दे देते तो वहां पहुँचे शहीद पिंटू सिंह के को लेने उनकी बहन और भाभी का दिल नहीं उतना नहीं दुखता। भाजपा और जदयू के ऐसे शर्मनाक कृत से बेगूसराय के वासियों के साथ साथ कई बिहार वासियों का दिल टूट गया। क्योंकि इनकी सरकार थी इनका वहाँ पहुँचना महा फ़र्ज़ था । सेना की शहादत पर राजनीती बड़े गर्व से करते हैं। शायद भाजपा जदयू के राजनेताओं के लिए सेना की शहादत से बढ़कर संकल्प रैली होती है, तो फिर क्यों सेना की शहादत की नाम लेकर रैली के मंच से राजनीती की रोटी सेकते हैं। सोचिये उन शहीद के परिवारों के मन में क्या ख्याल आया होगा जब वो घर( बेगूसराय) से निकले होंगे ये सोचकर की हमारा शहीद बेटे का पार्थिव शरीर को श्रंद्धाजलि देने के लिए एयरपोर्ट पर भीड़ उमड़ पड़ेगी जैसा उन्होंने औरों में देखा होगा पर ये क्या यहाँ तो एयरपोर्ट सुना सुना सा दिखा,जरा सोचिए कम से कम उनकी कदर कर लिए होते। केवल यहां डीएम कुमार रवि, एसएसपी गरिमा मलिक समेत पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी साथ ही कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, राजद से शिवानंद तिवारी जवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। लेकिन सभी राजनेता एक बात ध्यान में रखें कि एक माँ अपने बेटे को सीमा पर फौजी के रूप में इसलिये भेजती है ताकि वो अपने भारत माता के आंचल की आखरी साँस तक रक्षा करे। रक्षा करते करते अगर वो शहीद भी जो जाते है तो उस माँ के आँख में आंसू तो जरूर होते है लेकिन माथे पर गर्व भी झलकता है।वो इस बात की भूखी नही होती की राजनेता मेरे बेटे को श्रंद्धाजलि दे,बस थोड़ा दिल को ठेस पहुँचती है। भारत का हर बेटा जो शहीद होते है वो अमर हो जाते है, चाहे आपलोग उन्हें श्रद्धांजलि दे अथवा न दें।
जय हिंद,
जय हिंद की सेना।
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