युवा सोच
जनता की खून पसीने की कमाई का पैसा पूंजीपतियों को लूटा कर
भारती शिपयार्ड (जी हाँ, भारती एयरटेल वालों की ही है, ऐसे बड़े नामों वाले केस बहुत हैं, माल्या तो छोटा ही है!) का 10 हज़ार करोड़ का कर्ज NPA हुआ| बैंक कैसे वसूल करते?
अब यह कर्ज 3 हज़ार करोड़ में एडेलवीस को बेच दिया गया जिसे शुरू में सिर्फ 450 करोड़ देने हैं, बाकी किश्तों में| कंपनी का नाम बदल दिया गया है और 7 हजार करोड़ सर से उतरे तो दौड़ेगी भी! कम्पनी की क़ीमत बढ़ेगी, दाँव लगाने वाले वित्तीय पूँजीपति तगड़ा मुनाफा कमायेंगे|
और बैंक का 7 हज़ार करोड़ का बट्टे खाते में जाने वाला नुकसान ?
वह हम देंगे, बढ़ते बैंक चार्ज, घटते डिपाजिट ब्याज़ से सिर्फ बैंक ग्राहक ही नहीं, बल्कि बैंक में जमा करने लायक कमाई न करने वाले भी क्योंकि सरकार बैंक को और पूँजी देगी| तो और टैक्स दें, बढे रेल भाड़े दें, बढ़ी कीमतें दें, 'राष्ट्रवादी' बनें!
पर 10 हज़ार करोड़ एनपीए तो कम हो गया ना, मितरों!
By : Kundan Singh Kanishk.....
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