Skip to main content

#आखिर_क्यों_सरकार_कर_रही_अनदेखी_शहीद_के_परिवार_को

#आखिर_क्यों_सरकार_कर_रही_अनदेखी_शहीद_के_परिवार_को


👉 क्यों नहीं मिल पा रही है देश की सेवा के लिए शहीद होने वाले ब्रिज किशोर यादव परिवार को राज्य सरकार द्वारा घोषणा की गई धनराशि एवं एक सदस्य को नौकरी

उदितराज न्यूज़ से कुंदन सिंह कनिष्क के कलम से.....🖋️

पिछले साल दिनांक 3.10.2017 को है हमारे वीर बृज किशोर यादव बीएसएफ  182  बटालियन जम्मू कश्मीर के  गोगो लैंड में तैनात, भारत माता की आंचल की रक्षा करते हुए आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। आपको बता दूं की बृज किशोर यादव का पैतृक गांव भागलपुर जिला के पीरपैंती थाना क्षेत्र अंतर्गत कमल चक गांव है उनका पूरा परिवार  विगत कई वर्षों से  बच्चों की पढ़ाई  लिखाई को लेकर झारखंड साहिबगंज लंच घाट स्थित आवास में रह रहे हैं साहिबगंज स्थित गंगा मां से उन्हें काफी लगाव था जब भी अपने ड्यूटी से घर छुट्टी पर लौटते थे रोज गंगा स्नान क्या करते थे। उनके शहीद होने के बाद पूरे भारतवर्ष में मातम छा गई थी। फेसबुक टि्वटर व्हाट्सएप इत्यादि सोशल मीडिया पर लाखों-करोड़ों शोक संदेश आपस में शेयर किए गए थें।

👉 साथ ही झारखंड सरकार के द्वारा शहीद बृजकिशोर यादव के परिवार को ₹200000 की धनराशि और एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई थी।

👉 स्थानीय विधायक माननीय अनंत ओझा जी शहीद बृजकिशोर यादव के साहिबगंज लंच घाट समीप स्थित आवास पर पहुँचकर उनके रोते बिलखते परिजन से मिले थे और उन्हें सांत्वना दिए थे कि उनके लिए हम आवाज उठाएंगे और उनका हक उन्हें दिलवा कर रहेंगे।

👉पुण्यतिथि पर उदित राज न्यूज़ की टीम शहीद बृजकिशोर यादव के साहिबगंज लंच घाट स्थित आवास पर पहुंचे वहां उन्होंने परिजनों से बातचीत की बातचीत के दौरान उनकी पत्नी बिलक बिलक कर रोने लगी कहने लगी सेना के शहीद होने के बाद उनका परिवार अनाथ हो जाता है किन्ही को हमारी तकलीफ दिखाई नहीं देती सरकार भी कह गई की जीवन यापन करने के लिए कुछ ₹200000 धनराशि मिलेगी बेटे को नौकरी मिलेगी, घोषणा कर तो दिए पर वो सिर्फ घोषणा बनकर ही रह गई हमारे घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है बच्चों की पढ़ाई लिखाई है, घर में दो दो बेटियां हैं उनकी शादी है आखिर कहां से मैं करूंगी। उनकी दर्द भरी दास्तान को सुनकर उदित राज न्यूज़ टीम के संवादाता  विवेक पासवान के आंखों से आंसू छलक आए।

👉 उनके बेटे ने भी संवादाता से बातचीत के दौरान कहा सरकारी दफ्तरों में तो सिर्फ एक टेबल से दूसरे टेबल पर भेज दिया जाता है,कोई हमारी सुनने वाला नहीं है प्रशासनिक कार्यालय द्वारा जितनी भी दस्तावेज हमसे मांगे गए मैंने लाकर जमा किया उन्होंने कहा बीएसएफ बालों से एनओसी लाकर जमा कीजिए हमने वह भी लाकर जमा कर दिया फिर भी अभी तक नौकरी की दूर-दूर तक कोई आस नजर नहीं आ रही है घर की आर्थिक स्थिति बहुत गंभीर है पूरे 1 साल होने को चलें।

👉 उनकी बेटी सुषमा कुमारी ने कहा अगर सरकार भी एक शहीद के परिवार को इस तरह से छोड़ देगी तो आने वाले समय में कोई भी मां अपने कलेजे के टुकड़े समान बेटे को अपनी जान की बाजी खेल कर सरहद पर भारत मां की रक्षा के लिए भेजने को तैयार नहीं होगी इसलिए सरकार को शहीद सेना की शहादत को याद करते हुए उनके परिवार के लिए यथासंभव उचित से उचित फैसले लेने चाहिए घोषणाएं जमीनी रूप से होनी चाहिए धरातल पर नजर आनी चाहिए ना कि सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह जाए।

👉 उदित राज न्यूज़ स्थानीय विधायक माननीय आनंद ओझा जी से जानना चाहती कि आखिर क्यों परिजनों को राज्य सरकार द्वारा किए गए घोषणा की गई धनराशि और एक सरकारी नौकरी अभी तक क्यों नहीं मिल पाई है इसके लिए उनके द्वारा कहीं आवाज उठाई गई है या नहीं ? क्योंकि उनका फर्ज बनता है मानवता के नाते ही सही शहीद बृजकिशोर यादव  के बिखरे हुए परिजनों के लिए आवाज उठानी चाहिए।आप सत्ता में है आपकी सरकार है फिर भी देर क्यों ?

👉 साहिबगंज के युवा सामाजिक कार्यकर्ता मुरलीधर तिवारी जी के द्वारा शहीद बृजकिशोर यादव के पुण्यतिथि पर टाउन थाना के समीप गांधी स्मारक के पास एक दीप शहीद बृजकिशोर यादव के नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस आयोजन में शहीद बृजकिशोर यादव के परिवार के सदस्य सभी मित्रगण कई अधिकारी गण तथा कई शहरवासियों ने मिलकर दीप जलाएं उनकी तस्वीर पर पुष्प चढ़ाएं और उनके लिए 2 मिनट का मौन भी रखा ठीक उसके अगले दिन (04.10.2018) मुरलीधर तिवारी जी शहीद के पुत्र अभिषेक किशोर को लेकर एसी अनमोल सिंह से मिले और प्रक्रिया में इतनी बिलंब होने की वजह  पूछें, तो ऐसी अनमोल सिंह ने बताया कि सभी प्रक्रियाएं चल रही है बस बीएसएफ हेड क्वार्टर दिल्ली से एनओसी आने के इंतजार है जैसे हैं एनओसी मिल जाती है जल्द ही जॉइनिंग ली जाएगी।

Comments

Popular posts from this blog

एनपीए कैसे कम होता है?

युवा सोच   जनता की खून पसीने की कमाई का पैसा पूंजीपतियों को लूटा कर भारती शिपयार्ड (जी हाँ, भारती एयरटेल वालों की ही है, ऐसे बड़े नामों वाले केस बहुत हैं, माल्या तो छोटा ही है!) का 10 हज़ार करोड़ का कर्ज NPA हुआ| बैंक कैसे वसूल करते? अब यह कर्ज 3 हज़ार करोड़ में एडेलवीस को बेच दिया गया जिसे शुरू में सिर्फ 450 करोड़ देने हैं, बाकी किश्तों में| कंपनी का नाम बदल दिया गया है और 7 हजार करोड़ सर से उतरे तो दौड़ेगी भी! कम्पनी की क़ीमत बढ़ेगी, दाँव लगाने वाले वित्तीय पूँजीपति तगड़ा मुनाफा कमायेंगे|  और बैंक का 7 हज़ार करोड़ का बट्टे खाते में जाने वाला नुकसान ? वह हम देंगे, बढ़ते बैंक चार्ज, घटते डिपाजिट ब्याज़ से सिर्फ बैंक ग्राहक ही नहीं, बल्कि बैंक में जमा करने लायक कमाई न करने वाले भी क्योंकि सरकार बैंक को और पूँजी देगी| तो और टैक्स दें, बढे रेल भाड़े दें, बढ़ी कीमतें दें, 'राष्ट्रवादी' बनें!  पर 10 हज़ार करोड़ एनपीए तो कम हो गया ना, मितरों! By : Kundan Singh Kanishk.....

जीएसटी - जनता की जेब से आखिरी कौड़ी भी छीन लेने पर आमादा पूँजीपतियों की नई चाल

जीएसटी - जनता की जेब से आखिरी कौड़ी भी छीन लेने पर आमादा पूँजीपतियों की नई चाल जीएसटी पर बहुत सारे लोग इस बात की आलोचना कर रहे हैं कि यह बगैर तैयारी के लागू की जा रही है| तो माना जाय पूरी तैयारी से लागू होने पर इसे जनता के हित में मानकर इसका स्वागत किया जाता? नोटबंदी के वक़्त भी मैंने इस क़िस्म की आलोचना पर सवाल उठाया था|इस क़िस्म की आलोचना एक समान हितों वाले वर्ग रहित समाज में ही की जा सकती है| मौज़ूदा वर्ग विभाजित, ग़ैरबराबरी और शोषण पर आधारित समाज में प्रत्येक नीति का विभिन्न वर्गों पर असर समझे बग़ैर चर्चा बेमतलब है| इस दृष्टिकोण से कुछ अहम् बिंदु: 1. पूँजीवादी जनवाद के दृष्टिकोण से भी अप्रत्यक्ष करों के दायरे को बढ़ाना एक प्रतिगामी कदम है क्योंकि इनकी दर सभी के लिए 'समान' होने से आमदनी के हिस्से के तौर देखें तो जितनी कम आमदनी हो उसका उतना बड़ा हिस्सा कर में देना पड़ता है और जितनी ज्यादा आमदनी उतना कम हिस्सा| जहाँ पूँजीवाद अपने प्रगतिशील दौर में स्थापित हुआ था उन तुलनात्मक विकसित देशों में कुल करों का 2 तिहाई प्रत्यक्ष करों और एक तिहाई अप्रत्यक्ष करों से वसूल किया जाता है| भ

बलात्कार से बड़ा कोई ज़ुर्म नहीं है धरती पर..

बलात्कार से बड़ा कोई ज़ुर्म नहीं है धरती पर.. 🖋 कुंदन सिंह कनिष्क टांगो के बीच से जन्म लेने के बाद वक्षस्थल से अपनी प्यास और भूख मिटाने वाला इंसान, बड़ा होते ही औरतों से इन्ही दो अंगों की चाहत रखता है!!!!! और इसी चाहत में बीभत्स तरीकों को इख्तियार करता है.......जैसे बलात्कार और फिर हत्या.....? या एसिड अटैक .......?? ये कैसी चाहत है औरत से...??? जननी वर्ग के साथ इस तरह की धिनौनी  मानसिकता..?? का वध होना चाहिए ।।।। ऐसी कुत्सित मानसिकता वालें लोगों का.....सचमुच वध होना चाहिए ।। बलात्कार से बड़ा कोई ज़ुर्म नहीं है धरती पर.. ...... विचार करें दोस्तों .........           *******युवा सोच******